Cut off kya hota hai | कट ऑफ मार्क्स कैसे कैल्क्यलैट करे 2023

Cut off kya hota hai – जब भी हम किसी प्रतियोगी परीक्षा की बात करते हैं तो उसमे कटऑफ का महत्वपूर्ण योगदान होता है। किसी भी एग्जाम का कट ऑफ आमतौर पर 90 प्लस या 80 प्लस इत्यादि पाया जाता है। बहुत से लोगों को तो पता ही नहीं हो पाता है कि कटऑफ आखिर क्या होने वाली है। इसका निर्धारण कैसे किया जाता है। 

Cut Off Marks Kya Hai

तो आइए हम अपने इस लेख में कट ऑफ (Cut off kya hota hai) के बारे में विस्तृत जानकारी आपसे साझा करेंगे। और हमें आशा है कि इस लेख के पढ़ने के बाद आपको कटऑफ के बारे में कोई भी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।

Cut off kya hota hai | कट ऑफ क्या होता है

कटऑफ एक ऐसी प्रक्रिया है जो किसी प्रतियोगिता या सरकारी नौकरी में एक उचित रैंक पाने के लिए निर्धारित की जाती है। जिसके द्वारा योग्य उम्मीदवार को उसने जिस पद के लिए आवेदन किया हुआ है, उस पद मे उसे दाखिला दिया जा सके।

 उसके लिए एक कटऑफ का निर्धारण किया जाता है, यदि हम सरल या स्पष्ट भाषा में इसे समझे तो हम कह सकते हैं कि जिस नौकरी के लिए हम आवेदन कर रहे  हैं उस नौकरी में कुल कितनी सीटें हैं और उसमें कुल कितने विद्यार्थियों ने आवेदन किया है। इन दोनों आंकड़ों का औसत निकाल कर हम इनके अनुसार एक कट ऑफ का निर्धारण कर सकते हैं ।

कट ऑफ (Cut Off) कैसे बनता है?

कट ऑफ तैयार करने की एक सरल और आसान सी प्रक्रिया अपनाई जाती है। हम आपको बता दें कि जब हम किसी नौकरी के लिए आवेदन देते हैं और उसके  बाद वह विभाग जिसमें हमने आवेदन दिया है वह अपने द्वारा निर्धारित नोटिफिकेशन के तहत हमारा एक्जाम कंडक्ट करवाता है।

उसके बाद जो भी प्रक्रिया उस के द्वारा निर्धारित नोटिफिकेशन में दिया हुआ होता है उसके अनुसार वह अपनी प्रक्रिया को एक-एक करके सफल पूर्वक पूर्ण करता है। इस दरमियान बहुत सारे विद्यार्थी जो अयोग्य होते हैं वह इन सारी प्रक्रियाओं में खरे नहीं उतर पाते हैं और बाहर कर दिए जाते हैं।

अंततः अब जितने भी विद्यार्थी शेष बच जाते हैं उन्हें विभाग के अनुसार जितनी भी सीटें उस नौकरी के लिए नोटिफिकेशन में दी गई है, और जितने भी विद्यार्थी इस नौकरी के लिए अपनी सारी प्रक्रियाओं को पार किए हुए हैं उनका उस विभाग के द्वारा एक डाटा तैयार किया जाता है। फिर उस विभाग में जितने भी कुल रिक्तियां हैं उनसे कंपैरिजन किया जाता है और फिर एक औसत के तहत कटऑफ बनाया जाता है।

कट ऑफ की गणना कैसे की जाती है | Cut Off Calculate Kare

कट ऑफ की गणना दी गई वैकेंसी में जितने पद दिए गए हैं और उनमें प्रत्येक कैटेगरी में कितने पदों पर वैकेंसी करना है उस पर आधारित होता है। यदि हम मान ले कि किसी वैकेंसी में कुल पदों की संख्या 1000 है। तो उस वक्त विभाग के द्वारा नोटीफिकेशन में यह निर्धारित किया होता है कि वह अपने कुल पदों की संख्या के 5 गुना विद्यार्थियों को प्रथम चरण में चुनेगा। इसमें जनरल कैंडिडेट के लिए 200 पद और अन्य ओबीसी sc-st इत्यादि के लिए 800 पद अलग अलग निर्धारण किया जाता है।

यदि हम जनरल कैंडिडेट की बात करें तो इसमें नोटिफिकेशन के आधार पर कुल पद 200 दिए गए हैं। और नोटिफिकेशन के आधार पर हमें इसके 5 गुने विद्यार्थियों को प्रथम चरण के लिए चुनना है। तो हम यह कह सकते हैं कि 200 का 5 गुना यानी की 1000 विद्यार्थियों को जनरल कैटेगरी में प्रथम चरण के लिए सेक्लेक्ट किया जाता है। 

इसके बाद हम यह देखेंगे की जनरल कैटेगरी में जो भी विधार्थी सेलेक्ट हुए हैं उनमें सबसे ज्यादा किसका स्कोर है। और उस स्कोर से हम नीचे की तरफ तब तक आएंगे जब तक की हम पूरे 200 विद्यार्थी कि इस क्राइटेरिया को पार नहीं कर जाते हैं। और इस प्रकार हम कटऑफ की सटीक गणना कर पाते हैं।

यूपीएससी के लिए कटऑफ कितना होता है

यदि हम यूपीएससी के कटऑफ के बारे में बात करें तो इसका निर्धारण सबसे पहले प्रीलिम्स का एग्जाम देने के बाद होता है। जब हम इस एग्जाम को  क्वालीफाई करते हैं और इसके कटऑफ को पार करते हैं। तब उसके बाद हमें मेंस का एग्जाम देना पड़ता है। और फिर उसके बाद हमें इंटरव्यू के माध्यम से यूपीएससी में हमारा सिलेक्शन किया जाता है।

इस प्रक्रिया में यूपीएससी के द्वारा बहुत सारे टर्म्स को अपनाया जाता हैं। हम आपको बता दें की यूपीएससी में जो फर्स्ट पेपर सामान्य अध्यन का होता है इस पेपर को क्वालीफाई करना होता है इसमें कटऑफ से कोई लेना देना नहीं होता है।

लेकिन सामान्य अध्ययन पेपर टू में स्टूडेंट  को 33 परसेंट अंक लाना अनिवार्य होता है तभी जाकर आप मेंस की एग्जाम में बैठ पाते हैं।और जब आप मेंस का एक्जाम क्वालीफाई कर लेते हैं, और इंटरव्यू में आपका सिलेक्शन हो जाता है उसके बाद यूपीएससी सीट के अनुसार प्रत्येक कैटेगरी के लिए कटऑफ निकालती है।

यदि इस एग्जाम में एक ही कैटेगरी में दो विद्यार्थियों का अंक समान आ जाए तब यूपीएससी के द्वारा इन दोनों विद्यार्थियों में जिसकी आयु सीमा अधिक होगी उसे ज्यादा महत्व दिया जाएगा और उसका पहले सिलेक्शन यूपीएससी के द्वारा किया जाएगा।

सरकरी नौकरी का cut off कितना जाता है 

हम सरकारी नौकरी के कटऑफ की बात करें की कट ऑफ कितनी जाती है तो यह कोई फिक्स नहीं होता है। यह बच्चों की योग्यता उनके द्वारा आवेदन की कुल संख्या और विभाग के द्वारा दिए गए कुल रिक्तियों के ऊपर निर्भर करता है।

यदि वैकेंसी में सीट अधिक रहेगी तो अधिक बच्चों का चयन किया जाता है। और यदि वैकेंसी कम हो तो कम बच्चों का चयन किया जाता है।यह सारी प्रक्रिया कटऑफ पर निर्भर करती है।

 यदि मान ले की किसी विभाग में 1000 पद पर वैकेंसी निकाली गई है। और उस वेकेंसी में 4000 के लगभग बच्चों ने आवेदन किया। लेकिन सरकार को तो 1000 बच्चे ही लेने हैं तो वे कटऑफ की प्रक्रिया को अपनाएंगे और सबसे ज्यादा जिस बच्चे का अंक आया होगा उसके अनुसार उसे नीचे जाकर अपने 1000 के क्रिटेरिया को पूर्ण करेंगे और इस प्रकार हम अपने एक सफल एवं सटीक कटऑफ का निर्धारण करेंगे।

कुछ सामान्य कट ऑफ पर निर्धारित नौकरीयां

  • यूपीएससी
  • BPSC
  • बिहार एसएससी
  • बिहार पुलिस
  • रेलवे
  • Ssc
  • यूपी पुलिस 
  • सीबीआई
  • एयर फोर्स 
  • नेवी 
  • आर्मी

कट ऑफ के लाभ क्या है

कटऑफ के महत्वपूर्ण लाभ है।जो निम्न प्रकार से दर्शाए गए हैं।

  • कटऑफ से हमें योग्य अभ्यर्थी का चयन सफलतापूर्वक करने में आसानी होती है।
  • कटऑफ से हमें अभ्यर्थियों के क्षमता का पता लग जाता है कि कौन विद्यार्थी कितनी तैयारी के साथ इस एग्जाम में बैठा हुआ है।
  •  किसी वैकेंसी में जितनी सीटें होती है उनके अनुसार हम योग्य उम्मीदवार को कटऑफ के द्वारा ही सेलेक्ट करते हैं।
  • इससे यह फायदा है कि जिस विभाग में ये अपनी सेवा देंगे उसे वे सफल पूर्वक निर्वहन करेंगे ।
  • कटऑफ के निर्धारण के बिना हम योग्य उम्मीदवार को इस वैकेंसी से बाहर नहीं कर पाएंगे।

कट ऑफ की हनिया क्या है 

कटऑफ के लाभ जिस प्रकार होते हैं उसी प्रकार से कट ऑफ की बहुत सारी हानियां भी होती है जो निम्न प्रकार से वर्णित की गई है।

  • यदि किसी एग्जाम में कुल पदों की संख्या काफी कम मात्रा में दी गई हो और उसमें सीमित मात्रा में ही अभ्यर्थियों को चयनित किया जाना है, तब वैसे विद्यार्थी का चयन हो पाना मुश्किल है  जिसकी तैयारी पूर्ण रूप से नहीं हुई है।
  • यदि ऐसे अभ्यर्थियों को चयनित किया जाने लगा जो उस विभाग को जिस विभाग के लिए उनका चयन किया जा रहा है उसे वह अच्छी ढंग से नहीं चला पाएंगे तो उस से उस विभाग के कार्यों में काफी बाधाएं आने लगेंगी।
  •  कभी-कभी ऐसा भी देखा गया है कट ऑफ के दबाव में आने पर यदि अभ्यर्थियों का सिलेक्शन नहीं हो पाता है तो उस स्थिति में कुछ ऐसे अभ्यर्थी होते हैं जो दबाव में आकर या तो अपने घर को छोड़कर कहीं और जाने के लिए मजबूर हो जाते हैं , यहां तक की आत्महत्या करने की कोशिश भी करते हैं।
  • कभी ऐसी भी परिस्थिति कटऑफ को लेकर आ जाती है कि विधार्थी की तैयारी तो अच्छी होती है लेकिन कटऑफ के दबाव में आकर वह अगले एग्जाम के लिए काफी नर्वस हो जाते हैं और उनका अगला एग्जाम भी अच्छा नहीं हो पाता है।

FAQ

Cut off क्या होता है?

Cut off वह अंक बिंदु है जिसकी सहायता से 2 लोगों के समूह को उनके योग्यता के अनुसार विभक्त किया जाता है।

CTET में पास होने के लिए कितने नंबर चाहिए?

CTET में का कटऑफ प्रतिवर्ष 150 से 80 तक जाता है।

क्या कट ऑफ जाति पर भी निर्धारित होता है?

जी हां सभी जातीय वर्ग के लोगों के लिए अलग-अलग कटऑफ जारी किया जाता है।

UPSC की परीक्षा में कटऑफ क्या होता है?

UPSC IAS मुख्य परीक्षा में कुल 1750 अंकों के 9 पेपर होते हैं। यूपीएससी आईएएस मुख्य कटऑफ अंक 1750 में से निर्धारित किए जाते हैं।

निष्कर्ष

किसी भी नौकरी को पाने के लिए कटऑफ पर विशेष ध्यान रखना बहुत आवश्यक होता है। हमारी इस लेख को पूरी तरह से पढ़ने के बाद आप  समझ गए होंगे कि किसी भी परीक्षा में कट ऑफ का निर्धारण कैसे किया जाता है एवं आप अपना नाम कट ऑफ में लाने के लिए क्या कर सकते हैं। यदि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारियों को पढ़ने के बाद आप Cut off kya hota hai समझ पाए है तो इसे अपने मित्रों और परिवार के सदस्यों के साथ साझा करें ताकि कटऑफ की जानकारी सभी को मिल सके।

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